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क्या भारतीय टीम में बड़ा बदलाव आने वाला है ? गंभीर के बयानों से समझिए उनकी रणनीति

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जुलाई के दूसरे सप्ताह में BCCI के द्वारा यह ऐलान किया गया था कि गौतम गंभीर भारतीय टीम के मुख्य कोच बन चुके हैं। राहुल द्रविड़ के बाद गंभीर ही भारतीय टीम के अगले कोच होंगे, इस बात की चर्चा IPL 2024 के दौरान से ही चल रही थी। उस दौरान BCCI लगातार गंभीर के साथ बातचीत कर रहा था। साथ ही IPL के बाद दुबई में एक कार्यक्रम के दौरान गंभीर ने भी कोच बनने की इच्छा जाहिर की थी।

हालांकि अब मामला साफ़ हो चुका है। गंभीर भारतीय टीम के नए कोच हैं। अब असल सवाल यह है कि गंभीर एक कोच के तौर पर किस तरह की रणनीति के साथ आगे काम करेंगे। IPL में तो मेंटॉर के तौर उनका कार्यकाल काफ़ी बढ़िया रहा है। लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) के साथ वह दो साल थे और दोनों साल उनकी टीम प्लेऑफ़ में पहुंची। इस साल वह कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के साथ जुड़े और कोलकाता की टीम ने IPL ख़िताब जीत लिया। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भारतीय टीम के साथ उनका कार्यकाल कैसा रहता है।

गंभीर अक्सर अपनी साफ़गोई और स्पष्ट बयानों के कारण चर्चा में रहते हैं। ऐसा माना जाता है कि वह अपने मन के बात को कहने में बिल्कुल नहीं झिझकते हैं। महेंद्र सिंह धोनी से लेकर विराट कोहली के बारे में उनके जो भी बयान हैं, वे सोशल मीडिया पर हर दूसरे-तीसरे दिन वायरल होते रहते हैं।

आइए उनके बयानों के जरिए ही उनकी रणनीति के बारे में जानने का प्रयास करते हैं।

क्या टीम चयन के दौरान घरेलू क्रिकेट को सबसे ज़्यादा महत्व देंगे गंभीर ?

हालिया समय में घरेलू क्रिकेट के महत्व पर काफ़ी चर्चा हुई है। गंभीर ने भी इस मामले में अपना मत रखा है। गंभीर से अश्विन ने हाल ही में अपने यूट्यूब चैनल पर खिलाड़ियों की चयन प्रक्रिया के बारे में सवाल किया था। उस समय गंभीर ने कहा था, “‘T20 विश्व कप की टीम और (किसी भी सीरीज़ के लिए T20I की टीम) IPL में किए गए प्रदर्शन के आधार पर होना चाहिए। वहीं 50 ओवर के फ़ॉर्मेट में चयन विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी में किए गए प्रदर्शन के आधार पर होना चाहिए, जबकि टेस्ट टीम का चयन प्रथम श्रेणी क्रिकेट के जरिए होना चाहिए। हमें कभी भी लाल गेंद की क्रिकेट या 50 ओवर फ़ॉर्मेट में IPL में किए गए प्रदर्शन के आधार पर चयन नहीं करना चाहिए। अगर आप ऐसा करते हैं तो इसका मतलब है कि आप शॉर्ट कट रास्ता अपना रहे हैं और जल्द ही मुश्किल में फंसने वाले हैं।”

क्या तीनों फ़ॉर्मेट में अब अलग-अलग टीम बनने वाली है?

गंभीर ने इस मामले में एक बार स्टार स्पोर्ट्स से कहा था, “एक पेशेवर क्रिकेटर के तौर पर आपको काफ़ी कम समय मिलता है। जब आप अपने देश के लिए खेल रहे होते हैं तो आप जितना संभव हो उतना खेलना चाहते हैं। जब आप बहुत अच्छे फ़ॉर्म में हों, तो आपको आगे बढ़ते हुए तीनों प्रारूप खेलना चाहिए। आप किसी भी टॉप क्रिकेटर से पूछेंगे तो वह कभी भी सिर्फ़ सफ़ेद गेंद के गेंदबाज़ के रूप में या लाल गेंद के गेंदबाज़ के रूप में नहीं खेलना चाहते। मुझे इस बात पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं है कि आप कुछ खिलाड़ियों को सिर्फ़ टेस्ट या किसी एक फ़ॉर्मेट के लिए रखें और उसकी इंजरी मैनेज करें।”

सबसे पहले तो रोहित शर्मा (टीम के सबसे अनुभवी खिलाड़ी) और टीम के सबसे युवा खिलाड़ी के साथ एक समान व्यवहार कीजिए। कप्तानी कहीं से भी आसान नहीं होती है। हालांकि एक कप्तान के तौर पर आपको हमेशा कड़े फ़ैसले लेने के लिए तैयार होना चाहिए। आपका यही गुण आपको लीडर बनाता है, अगर यह न हो तो आप बस एक फॉलोवर बन कर रह जाएंगे।

गौतम गंभीर

क्या खिलाड़ियों को वर्कलोड मैनेजमेंट के आधार पर अब छुट्टी कम मिलेगी?

हाल ही में स्टार स्पोर्ट्स से बात करते हुए गंभीर ने कहा था, “इंजरी किसी भी खिलाड़ी के जीवन अभिन्न हिस्सा है। अगर आप तीनों फ़ॉर्मेट खेलते हैं तो आपको इंजरी होना लगभग तय है। अगर ऐसा होता है तो अपना चोट ठीक करवाइए और टीम में वापस आइए। मैं इंजरी मैनेजमेंट पर ज़्यादा भरोसा नहीं करता।”
टी20 में नंबर पर तीन पर कौन करेगा बल्लेबाज़ी

एशिया कप में हॉन्ग-कॉन्ग के ख़िलाफ़ मैच के बाद गौतम गंभीर और जतिन सप्रू स्टार स्पोर्ट्स पर बात कर रहे थे। उस दौरान गंभीर ने कहा था कि टीम में भले ही विराट कोहली रहें, लेकिन फिर भी सूर्या को नंबर तीन पर बल्लेबाज़ी करनी चाहिए। गंभीर ने उस दौरान कहा था, “सूर्या अब एक महान खिलाड़ी बनने के रास्ते पर हैं। अगर वह विराट कोहली की जगह नंबर तीन पर बल्लेबाज़ी करें तो ज़्यादा बेहतर हैं। अभी यह उनकी मज़बूरी है कि उन्हें बाद में बल्लेबाज़ी करनी पड़ती है।”

ख़ैर उस बयान को काफ़ी दिन हो गए और कोहली भी अब T20I संन्यास ले चुके हैं। अब इस बात के पूरे आसार हैं कि सूर्या नंबर तीन पर ही बल्लेबाज़ी करेंगे।
कोच साहब की तरफ़ से कप्तान के लिए क्या संदेश है ?

गंभीर ने फॉर्ब्स इंडिया इवेंट में कहा था कि एक सच्चा लीडर ही अगला लीडर तैयार करता है। एक लीडर को हमेशा अपने सभी टीम मेंबर्स को एक समान ट्रीट करना चाहिए। एक कप्तान को कभी भी एक सीनियर खिलाड़ी और जूनियर खिलाड़ी को अलग-अलग तरीक़े से ट्रीट नहीं करना चाहिए।

मुझे हार से नफ़रत हैं। मैं किसी भी परिस्थिति में नहीं हारना चाहता। मैं बहुत ही ट्रेडिशनल और ओल्ड स्कूल हूं। मैं कभी भी अपने होटल रूम में मैच हार कर वापस नहीं लौटना चाहता

गौतम गंभीर

उस दौरान गंभीर ने कहा था, “सबसे पहले तो रोहित शर्मा (टीम के सबसे अनुभवी खिलाड़ी) और टीम के सबसे युवा खिलाड़ी के साथ एक समान व्यवहार कीजिए। कप्तानी कहीं से भी आसान नहीं होती है। हालांकि एक कप्तान के तौर पर आपको हमेशा कड़े फ़ैसले लेने के लिए तैयार होना चाहिए। आपका यही गुण आपको लीडर बनाता है, अगर यह न हो तो आप बस एक फॉलोवर बन कर रह जाएंगे।”

वीडियो एनालिस्ट, डेटा, नई तकनीक … इस बारे में कोच गंभीर की क्या राय है ?

गंभीर ने अपने कई इंटरव्यू में यह कहा कि आज तक वह कभी भी किसी वीडियो एनालिस्ट के पास नहीं गए। वह मैच-अप्स में बिल्कुल भरोसा नहीं करते। उन्हें ज़्यादा स्टैट्स की ज़रूरत नहीं पड़ती। हाल ही में उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में कहा था, “जब में लखनऊ सुपर जायंट्स की टीम बना रहा था तो कभी भी किसी डेटा एनालिस्ट या वीडियो एनालिस्ट के पास नहीं गया। मैंने ऑक्शन से पहले ही अपने रजिस्टर में 20-22 खिलाड़ियों की लिस्ट बना ली थी और हम उसमें से 18 खिलाड़ियों को अपनी टीम में शामिल करने में सफल रहे। मैं हमेशा अपने इंस्टिंट के अनुसार काम करता हूं।

हार्दिक पर गंभीर की क्या राय रही है

2023 में स्टार स्पोर्ट्स पर गंभीर ने कहा था कि भारतीय टीम को जल्द से जल्द हार्दिक पंड्या का बैक अप ढूंढ लेना चाहिए। उन्होंने तब कहा था, ” अगर हार्दिक पंड्या किसी तरह से चोटिल हो जाएं हैं या टीम के साथ नहीं रहते हैं तो भारतीय टीम पूरी तरह से मुश्किल में फंस जाएगी। इसी कारण से उनका बैक अप तलाशन काफ़ी ज़रूरी है।”

इसके अलावा गंभीर ने 2022 में नई दिल्ली में फेडरेशन ऑफ़ इंडियन चैंबर्स ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, “हार्दिक पंड्या स्पष्ट रूप से कप्तानी के कतार में हैं और वह इसके मज़बूत दावेदार हैं।”

और अंत में सबसे प्रमुख संदेश

कोच गौतम ने पूरी गंभीरता के साथ कई बार दो तीन चीज़ें कही हैं, जो आने वाले दिनों में उनके कार्यकाल के दौरान साफ़ देखने को मिल सकता है।

एक – “मुझे हार से नफ़रत हैं। मैं किसी भी परिस्थिति में नहीं हारना चाहता। मैं बहुत ही ट्रेडिशनल और ओल्ड स्कूल हूं। मैं कभी भी अपने होटल रूम में मैच हार कर वापस नहीं लौटना चाहता। मैं ऐसे ही सोचता हूं और इस मामले में मुझे कुछ और नहीं पता।”

दो – एक कप्तान या एक व्यक्ति आपको मैच नहीं जिता सकता। किसी को कैच भी लेना होता है, किसी को विकेट भी लेनी होती है, किसी को रन भी बनाना है। भारत में कप्तानों और खिलाड़ियों को जितना हाइप दिया जाता है लेकिन एक व्यक्ति कभी भी आपको विश्व कप नहीं जिता सकता। जब तक आप स्टार प्लेयर के रूप में किसी को हाइप देना नहीं छोड़ेंगे, हम बड़े टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन नहीं करेंगे। ड्रेसिंग रूप का हर एक मेंबर बराबर की मेहनत करता है और हमें सभी को उतना ही महत्व देना चाहिए।”

राजन राज ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं



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